मंडी डबवाली किसानों के प्रति सरकार की घोषणाओं व फैसलों में है बढ़ा विरोधाभास- अमित सिहाग By Gurvinder Pannu Posted on July 1, 2020 9 second read 0 0 348 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print किसानों के प्रति सरकार की घोषणाओं व फैसलों में है बढ़ा विरोधाभास- अमित सिहाग कई पिछले फैसलों की तरह ये फैसला भी साबित होगा किसान विरोधी- अमित सिहाग हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा पानी को बचाने की गुहार लगाकर किसानों को धान की जगह मक्की की पैदावार करने पर प्रोत्साहन देने की बात कही गई थी, वहीं केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले इसके बिलकुल विपरित हैं। यह विचार हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को धान की जगह मक्की की पैदावार करने पर प्रोत्साहन देने की बात करती है और मक्की का समर्थन मूल्य 1760 रूपए बताया जा रहा है, जबकि मक्की बाज़ार में समर्थन मूल्य से कहीं कम 600 से 800 रूपए के भाव बिक रही है जिस से किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल रही और उधर केंद्र सरकार द्वारा टैरिफ रेट कोटा स्कीम के तहत मक्की के आयात शुल्क को 50 प्रतिशत से कम 15 प्रतिशत कर विदेशों से 5 लाख टन मक्की का आयात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी जब मक्की का आयात नहीं किया गया है तब भी किसानों को मक्की का भाव समर्थन मूल्य से कहीं कम मिल रहा है तो आयात होने के बाद तो हालत और भी बद्दतर हो जाएंगे, ऐसे में सरकार इसको प्रोत्साहन कैसे कह रही है? ऐसे में किसानों की आमदन दुगनी करने का वायदा सरकार कैसे पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार के फैसले आपा विरोधी हैं। विधायक ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार दुगद उत्पादकों को राहत देने की बड़ी बड़ी बातें कर उन्हें दूध का उत्पादन करने के लिए कहती है, वहीं इसके विपरित टैरिफ रेट कोटा स्कीम के तहत आयात शुल्क को तीन गुना से भी कम कर विदेशों से 10 हजार टन मिल्क पाउडर का आयात किया जा रहा है। जबकि लॉकडाउन के चलते मांग की कमी के कारण अभी भी 1.25 लाख टन दूध के उत्पाद कोऑपरेटिव डेयरियों के पास पड़े हुए हैं, और अब उत्पादों की आपूर्ति और भी बढ़ेगी, अगर अब सरकार द्वारा विदेशों से मिल्क पाउडर मंगवाया जा रहा है तो इनके दामों में कमी आएगी जिससे हमारे दुगद उत्पादकों को प्रोत्साहन नहीं नुकसान होगा। विधायक ने कहा कि मौजूदा सरकार की सोच किसान विरोधी रही है और इनकी घोषणाओं एवम् फैसलों में बड़ा अंतर है और उपरोक्त आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार के पिछले फैसलों की भांति ये फैसलों से भी किसान हित में नहीं किसान विरोधी साबित होंगे, जिसका खामियाजा किसानों को भुक्तना पड़ेगा। Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
आजाद युवा क्लब लखुआना के युवा सदस्यों द्वारा योग शिविर आयोजित डबवाली के आजाद युवा क्लब लखुआना के युवा सदस्यों ने आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल …
पंजाब जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल, 1000 हजार मौतें, 2000 हजार हुए थे घायल, दर्द-ऐ-दास्ताँ 13 अप्रैल