स्कूल HPS स्कूल में मनाया गया ‘विश्व सामाजिक न्याय दिवस By Gurvinder Pannu Posted on March 1, 2019 8 second read 0 0 952 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print तेज़ डेस्क—— दूसरों को दुत्कार आगे निकलने वाले कभी आगे नहीं निकल पाते। समाज में वे ही पथ प्रदर्शक बनते है जो हर किसी के साथ सामांजस्य बनाकर चलते हैं। ये शब्द आज विश्व सामाजिक न्याय दिवस के उपलक्ष्य में एस. डी सीनियर सैकण्डरी स्कूल कालांवाली के प्रिंसीपल आर. के. मीजिठिया ने एचपीएस सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आल इंंिडयो एचपीएस रेडियो कल्ब द्वारा आयेाजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि दुनिया में लोगों के बीच कई तरह के भेदभाव पैदा हो रहे हैं, जो कि लोगों के बीच एक दूरी का कारण बन गया हैं. इन भेदभाव के कारण कई लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना प?ता है. वहीं दुनिया में इस तरह की बुरियों को खत्म करने के लिए हर साल ‘विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को कई उद्देश्यों को प्राप्त करने के मकसद के लिए बनाया गया है. इस दिवस के दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को जागरूक किया जाता है. ये दिवस मुख्य तौर से नस्ल, वर्ग, लिंग, धर्म, संस्कृति, भेदभाव, बेरोजगारी से जुडी हुई कई समस्याओं को हल करने के उद्द्श्ये से हर साल मनाया जाता है। इस अवसर पर आठवीं के कर्मवीर सिंह, नवदीप सिंह, हस्नदीप सिंह व नौवीं कक्षा के अजयपाल भाटी, मिलन व मनजोत सरां ने बतरया की हर साल 20 फरवरी के दिन ये दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2007 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी। वहीं साल 1995 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में सोशल डेवलपमेंट के लिए विश्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेताओं ने गरीबी, पूर्ण रोजगार के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा था। इसके अलावा समाज के लिए कार्य करने के लक्ष्य को हासिल करने का उद्देश्य भी इस आयोजन में रखा गया था। जिसके बाद साल 26 नवंबर, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोपेनहेगन में हुए इस शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में नामित किया था। वहीं साल 2009 में सबसे पहले इस दिन को पूरे विश्व में मनाया गया था। भारत के सविधान को बनाते समय देश में सामाजिक न्याय का खासा ध्यान रखा गया था। वहीं इस वक्त हमारे देश के सविधान में कई ऐसा प्रावधान मौजूद हैं, जोकि सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। वहीं सुंयक्त राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर भारत सरकार सामाजिक न्याय के लिए कई कार्य कर रही है. भारत देश में कई तरह की जाति के लोग मौजूद हैं, इसके अलावा हमारे देश में कई ऐसी प्रथाएं हैं जो की सामाजिक न्याय के लिए खतरा हैं और इन्हीं चीजों से ल?ने के लिए भारत ने कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं। भारत में सामाजिक न्याय की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों ने कहा कि इस दिवस के मकसद से भारत सरकार लोगों को शिक्षा का महत्व, भेदभाव नहीं करने जैसी चीजों के बारे में जागरूक करने में लगी हुई है और उम्मीद है कि आनेवाले सालों में भारत सरकार अपने इन लक्ष्यों में कामयाब हो जाएगी। विद्यालय निदेशक एवं प्रिंसीपल आचार्य रमेश सचदेवा ने कहा कि वर्ष 2019 का विश्व सामाजिक न्याय दिवस का थीम भी यही है कि यदि हम तरक्की करना चाहते हैं व शांति चाहते हैं तो हमें सबको साथ लेकर चलना होगा। इस अवसर पर विद्यालय के सभी बसों के चालक, परिचालक, शिक्षक वर्ग, महिला सेविकाओं व सेवादारों ने मिलकर सहभोज किया और परस्पर सामाजिक समरस्ता का भाव विकसित किया। Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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