हरयाणा कोरोना का हवाला देकर अस्पताल ने चेहरा देखने से किया मना: पुरूष की जगह दे दिया महिला का शव By Gurvinder Pannu Posted on July 20, 2020 12 second read 0 0 712 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print हेमराज बिरट, तेज़ हरियाणा नेटवर्क: ————————————- फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मृतक पुरुष के स्वजनों को महिला का शव सौंप दिया गया। जब अंतिम संस्कार के लिए चेहरे से कपड़ा हटाया गया, तो स्वजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई। अस्पताल प्रबंधन से संपर्क पर उन्होंने शव बदले जाने की गलती स्वीकार की। एंबुलेंस भेजकर श्मशान घाट से महिला का शव वापस मंगवाया गया और सही शव भेजा गया। पुलिस का कहना है कि अभी स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शव बदलने से संबंधित शिकायत नहीं दी है। बकौल पल्ला निवासी रोहित, मेरे पिता किशोर गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। सात जुलाई को उन्हें ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल रेफर किया गया था। रविवार तड़के साढ़े चार बजे के करीब अस्पताल प्रबंधन ने पिता की मौत की पुष्टि की। रविवार सुबह मैं स्वजनों के साथ अस्पताल शव लेने पहुंचा। मैंने चेहरा दिखाने को कहा, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए शव का चेहरा दिखाने से इंकार कर दिया। हम शव लेकर अस्पताल से सेक्टर-37 श्मशान घाट पहुंचे। परिवार के बाकी सदस्य और संबंधी सीधे वहीं पहुंच गए। अंतिम संस्कार से पूर्व पंडित ने मुंह में जल डालने के लिए शव के चेहरे से कपड़ा हटवाया। तब महिला का शव देखकर सभी स्वजन घबरा गए और अंतिम संस्कार की क्रियाएं रोक दीं। रोहित ने बताया कि उसने पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना दी। हंगामे की आशंका के चलते पल्ला थाने से पुलिस श्मशान घाट पहुंच गई। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से किशोर का शव श्मशान घाट भेजा गया, तब उन्होंने अंतिम संस्कार किया। उधर, जिस महिला का शव बदला गया था, उसके स्वजन भी अस्पताल पहुंच गए थे। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें किसी तरह समझाकर शव सौंपा। रोहित का कहना है कि उपचार के दौरान 22 लाख रुपये का खर्च आया था, जिसका भुगतान ईएसआइसी से हुआ है। शनिवार को किशोर की तबियत अचानक खराब हो गई थी और अस्पताल प्रबंधन ने किशोर को वेंटिलेटर पर रखने के लिए रोहित से दो लाख रुपये का इंतजाम करने के लिए कहा था। रोहित ने दो लाख रुपये का इंतजाम करने के लिए अस्पताल से थोड़ा समय मांगा था। उनका कहना है कि उन्हें अस्पताल से कुछ नहीं चाहिए, लेकिन किसी अन्य मरीज के स्वजनों के साथ ऐसा न हो। इसके चलते अस्पताल पर कार्रवाई होनी चाहिए। वर्जन.. -स्वजनों की तरफ से अभी शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी:-एसीपी धारणा यादव, पीआरओ पुलिस -बॉक्स.. -पहले भी हो चुका है ऐसा कारनामा: इससे पहले बादशाह खान अस्पताल प्रबंधन भी शव बदलने का कारनामा कर चुका है। बीते 21 जून को हत्या के मामले में पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए बल्लभगढ़ निवासी सोनू खान का शव कोरोना से मौत समझकर बिना पोस्टमॉर्टम अंतिम संस्कार करा दिया गया था। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसकी अभी जांच चल रही है। Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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