हरयाणा बिना लॉकडाउन के भी ‘लॉक’ हो जाती है बॉर्डर: दिल्ली-यूपी-हरियाणा के फैसलों का पड़ता है असर By Gurvinder Pannu Posted on July 18, 2020 13 second read 0 0 344 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print हेमराज बिरट, तेज़ हरियाणा नेटवर्क: ——————————– तकरीबन एक महीने पहले 18 जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली तीनों प्रदेशों के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग कर यह साफ कर दिया था कि कोरोना से लड़ाई के मामले में दिल्ली-एनसीआर के पूरे एरिया को एक यूनिट मानकर रणनीति बनाई जाए। इससे कोरोना की लड़ाई को बेहतर ढंग से लड़ा जा सकेगा और जनता को परेशानी भी नहीं होगी। लेकिन शनिवार को जिस तरह से लोगों को नोएडा-गाजियाबाद बॉर्डर पर दिल्ली में आने के लिए परेशानी हुई है, उससे यही लगता है कि केंद्र का यह प्रयास सही से जमीन पर नहीं उतारा जा रहा है, जिसके कारण अभी भी लोगों को परेशानी हो रही है। कोरोना संक्रमण फैलने की दर कम रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार-रविवार को लॉकडाउन रखने का फैसला किया है। लेकिन उसके इस फैसले की कीमत नोएडा-गाजियाबाद में रहने वाले उन लोगों को चुकानी पड़ी जो काम तो दिल्ली में करते हैं, लेकिन रहने के लिए नोएडा-गाजियाबाद का रुख करते हैं। शनिवार को लोगों को दिल्ली में आने के लिए पुलिस से संघर्ष करना पड़ा। इस लॉकडाउन में विशेष सेवाओं से जुड़े लोगों को बाहर रखा गया था, लेकिन आरोप है कि कई जगहों पर पुलिस ने उन्हें जाने से रोका, जिससे वे अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुंच सके। इसी प्रकार की चिंता हरियाणा की तरफ से भी जताई गई है। हरियाणा का मानना है कि उसके यहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले उन्हीं इलाकों से सामने आ रहे हैं, जो दिल्ली से सटे हैं। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत प्रमुख हैं। इन्हीं बातों के मद्देनजर हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इन इलाकों की सीमाएं सील करने पर विचार करने का संकेत दिया है। अगर हरियाणा इस प्रकार का कोई फैसला लेता है, तो इससे दिल्ली वालों को एक बार फिर सील सीमाओं का दंश झेलना पड़ सकता है। फरीदाबाद में काम करने वाले कुछ लोगों को विशेष कार्ड से पास देकर आने-जाने की अनुमति दी जा रही है। लेकिन इसके कारण कई अन्य आवश्यक सेवाओं के लोगों को परेशानी हो रही है। विशेषकर प्राइवेट क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को कई जगहों पर संकट झेलना पड़ रहा है और कई स्थानों पर उन्हें प्रवेश नहीं मिल रहा है। इनमें आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग भी शामिल हैं। समय-समय पर लोगों को हो रही इन दिक्कतों से यह भी स्पष्ट होता है कि अभी भी दिल्ली-एनसीआर एरिया के लिए एक एकीकृत प्लान नहीं बनाया जा सका है, और इसके लिए अधिकारियों में पर्याप्त तालमेल नहीं है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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