मंडी डबवाली सिरसा हरयाणा विस चुनावो से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, बागी पार्षदों ने फिर गिराई शहर की छोटी सरकार… By Gurvinder Pannu Posted on July 11, 2019 14 second read 0 0 1,633 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print -प्रधान, उप-प्रधान के विरोध में 15 पार्षदों ने डाला मत, मात्र दो वोट ही आए पक्ष में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई वोटिंग —– 8 साल बाद फिर कांग्रेस ने दोहराया इतिहास —– शहर में कांग्रेस समर्थित सरकार गिरी —— मंडी डबवाली———— इनेलो के गढ़ कहे जाने वाले डबवाली में विस चुनावो से पूर्व कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है जहाँ कांग्रेस समर्थित शाहर की छोटी सरकार गिर गयी हिया जहाँ 15 पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव के बाद वोटिंग में कांग्रेस के हाउस की चेयरपर्सन व् वायस चेयर परसों की कुर्सी अब खाली हो गयी है करीब आठ वर्ष पूर्व शहर की नगर परिषद की छोटी सरकार को कांग्रेस के बागी पार्षदों ने गिराया था। वही इतिहास को वीरवार को फिर दोहराया गसया और असंतुष्ट कांग्रेसी पार्षदों ने इनेलो व भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर प्रधान व उप-प्रधान के खिलाफ अविश्वास पारित कर दिया। वीरवार को इस संबंध में नगर परिषद कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई थी और बैठक में नप प्रधान व उप-प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करना था। आपको बात दे की उपायुक्त ने ऐलनाबाद के एसडीएम अमित कुमार को बैठक की अध्यक्षता करने के लिए नियुक्त किया। बैठक में सभी 21 पार्षदों में से प्रधान सुमन जोइया, उप-प्रधान कृष्ण बॉबी, वार्ड एक की पार्षद रूपिंद्र कौर व वार्ड दो की पार्षद श्रीमती उपम को छोड़कर कांग्रेस, इनेलो व भाजपा के 17 पार्षद मौके पर मौजूद रहे। बैठक शुरू होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया और प्रधान, उप-प्रधान को उनके पद से हटाने के लिए वोटिंग की गई। जिसमें 15 अंसतुष्ट पार्षद जिनमें इनेलो, भाजपा व कांग्रेस के थे। उन्होंने उनके खिलाफ मत डाले जबकि कांग्रेस समर्थित दो पार्षदों ने ही मात्र प्रधान व उप-प्रधान का समर्थन करते हुए उनके पक्ष में वोटिंग की। जिसके बाद प्रधान व उप-प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्तावित हो गया और उन्हें अपने पद से मुक्त कर दिया। जिसके बाद अब 45 दिनों के भीतर नए प्रधान व उप-प्रधान का चुनाव करवाया जाएगा तब तक एसडीएम डबवाली को नगर परिषद कर प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में नपा के पूर्व प्रधान टेक चंद छाबड़ा ने कहा कि प्रधान व उप-प्रधान गैर जिम्मेदाराना तरीके से कार्य कर रहे थे। किसी पार्षद की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। जिसके चलते पार्षदों ने असंतोष जताया था। उन्होंने कहा कि वह जनता द्वारा चुने गए नुमाईंदे हैं। उन्हें भी शहर के विकास कार्यों के लिए जनता को जवाब देना पड़ता है। शहर का कोई विकास कार्य न होने के चलते सभी पार्षदों ने एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया अब देखना यह होगा कि क्या सभी पार्षदों में सर्वसहमति से चेयरपर्सन व् वायस चेयर का चुनाव होगा या एक बार फिर वोटिंग के जरिये चुनाव होगा Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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