हरयाणा हरियाणा: भाजपा के नए अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की वो पांच बातें, जो बहुत कम लोग जानते हैं By Gurvinder Pannu Posted on July 19, 2020 11 second read 0 0 865 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print हेमराज बिरट, तेज़ हरियाणा नेटवर्क: ———————————– हरियाणा भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए ओमप्रकाश धनखड का नाम प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चर्चाओं में नहीं था। खुद धनखड भी चुप्पी साधे सब देख रहे थे। अचानक ओमप्रकाश धनखड के नाम की घोषणा के पीछे कई तरह की चर्चाएं हैं जिनमें जाट चेहरा, जजपा से गठबंधन, मुख्यमंत्री की पसंद-नापसंद कई तरह के कयास हैं। खैर अब ओमप्रकाश धनखड को हरियाणा भाजपा की कमान सौंपी जा चुकी है तो इन चर्चाओं पर बात होगी ही। भाजपा के खांटी नेता ओमप्रकाश धनखड की आइए वो पांच बातें जानते हैं जो उन्हें दूसरों से हटकर खडा करती हैं। 1. पुस्तक प्रेमी: ओमप्रकाश धनखड पुस्तक प्रेमी हैं। दिल्ली में लगने वाले विश्व पुस्तक मेले में वो पिछले कई सालों से शिरकत करते आए हैं। बादली चुनाव हारने के बाद उन्होंने खुद को किताबों में छिपा लिया था। सार्वजनिक रूप से भी असक्रिय हो गए थे और इसका कारण थी किताबें। उनके जानकार बताते हैं वो वो इन दिनों अध्यययन में व्यस्त थे। अपने भाषणों में वो प्रसिद्ध किताबों के कोट्स भी अक्सर इस्तेमाल करते हैं। संघ के साहित्य का गहन अध्ययन किया है। 2. मोदी में आस्था: ओमप्रकाश धनखड की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकटता जगजाहिर है। हरियाणा के प्रभारी रहते नरेंद्र मोदी के साथ वो हरियाणा के गांव-गांव घूमे थे और इसका फायदा उन्हें पहले मंत्री के रूप में मिला और अब हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मिला है। 3. जडी-बूटी के ज्ञाता: उनके पिता वैध हैं, ओमप्रकाश धनखड राजनीति में आने से पहले भिवानी के हालुवासिया स्कूल में पढाते थे। इसके साथ-साथ उन्होंने अपने पिता के पास बैठकर जडूी बूटियों का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया है। वो खुद भी जब कभी बीमार पडते तो देशी दवाइयों पर भी पहला भरोसा करते हैं। 4. जमीनी नेता: धनखड की एक विशेषता रही है। वो अक्सर अपनी गाडी रोककर किसी से भी बात कर लेते हैं। ये उनका तरीका है जिससे पब्लिक का ओपिनियन जाना जा सकता है। काम करते किसानों से बातचीत करके आगे बढना उनका पसंद का काम रहा है। स्टैच्यू आफ यूनिटी के लिए गांव-गांव से लोहा और मिट्टी इक्ट्ठा करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोडी थी। किसान मोर्चा में उनका काम आज भी याद किया जाता है। हां, उनका स्वामीनाथ आयोग के लिए कुर्ता निकालकर प्रदर्शन करने वाला एक फोटो से अक्सर विरोधी उनपर तंज कसते हैं। हरियाणा में एग्रो समिट के जनक हैं। 5. अच्छे वक्ता: बातूनी इंसान हैं। खूब बातें करते हैं। अच्छे वक्ता है। पब्लिक को बांधकर रख सकते हैं लेकिन कभी कभी जुबान फिसल जाती है। भाषण को रोचक बनाने के चक्कर में वो कई विवादों में भी मंत्री रहते घिर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भाषण शैली में निखार लाते रहे हैं। Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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