पंजाब राजस्थान हरयाणा जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल, 1000 हजार मौतें, 2000 हजार हुए थे घायल, दर्द-ऐ-दास्ताँ 13 अप्रैल By Gurvinder Pannu Posted on April 13, 2019 8 second read 0 2 5,548 Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print तेज़ हरियाणा ——-इनपुट वैसे तो 13 अप्रैल का दिन भारत के सुनहरे इतिहास में बेहद खास स्थान रखता है, लेकिन दुःख के साथ कहना या लिखना पड़ता है या फिर याद किया जाता है एक काले दिन के रूप में ,यदि कोई घटना ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा असर डाला, तो वो पंजाब के अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग़ की घटना थी। वो काला दिन जहाँ 13 अप्रैल 1919 को ब्रिगेडियर जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला कर सैकड़ों निहत्थे भारतीयों को मौत के मुहं में झोंक दिया , निर्मम हत्याकांड की यादें आज भी भारतीयों के दिलों में जिंदा हैं इस घटना को याद कर आज भी भारतीयों की आंखों में आंसू आ ही जाते हैं। आज 13 अप्रैल के दिन इस हत्याकांड को 100 साल पूरे हो गए है आपको बता दे कि आज के ही दिन बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में रोलेट एक्ट के विरोध में एक सभा रखी गई थी , शहर में एमरजेंसी जैसे हालात बने हुए थे।लेकिन इस दिन हजारों की संख्या में लोग बैसाखी के पर्म पर परिवार के साथ जलियांवाला बाग में मेला देखने के लिए पहुंचे हुए थे । लेकिन लोगों को जलियांवाला बाग में आयोजित सभा के बारे में जानकारी मिली तो साथ देने के लिए भीड़ वहां ही शामिल होकर जोश में जोश मिलाने लगी उधर लोगों की भीड़ देखकर ब्रिटिश सरकार में डर पैदा हो गया और ब्रिटिश अधिकारियों को यह सब जोश रास नहीं आया और निह्थे लोगो पर बिना कोई आदेश या चेतावनी दिए अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी और चंद ही मिनटों में पूरा बाग लाशों के ढेरो में तब्दील ह गया तो हजारो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ……… आइए,हम सब एकजुट हो अकाल मौत के ग्रास हत्याकांड में शहीद हुए वीरों को उनके 100वें शहीदी दिवस पर नम आँखों से अपनी श्रद्धांजलि दें।तेज़ हरियाणा का शत शत नमन Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Print
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